Glorious Revolution History: पिछले कुछ महीनों में हमने विश्व के कई देशों में सत्ता के विरुद्ध नागरिकों के हिंसक आंदोलन देखे और तजा घटना नेपाल में घाटी जब युवाओं ने वहां की मौजूदा सरकार को हिंसा के द्वारा सत्ता उखाड़ फेंका और अंतरिम प्रधानमंत्री के तौर ओर शुशीला कार्की को प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया। लेकिन क्या आप जानते हैं इंग्लैंड में एक क्रांति 1688-1689 में हुई हुए बिना किसी हिंसा के राजा को सत्ता से हटाया गया। इस क्रांति को गौरवशाली क्रांति (Glorious Revolution 1688-1689 ) अथवा रक्तहीन क्रांति भी कहते हैं।
यह क्रांति राजा जेम्स द्वितीय के निरंकुश शासन का अंत करके उनकी बेटी मैरी द्वितीय और उनके पति विलियम ऑफ ऑरेंज को सत्ता सौंपने के लिए की गई है। इस लेख में हम क्रांति के परिचय, कारण, समय, घटनाओं, परिणामों, विशेषताओं, इसे गौरवशाली क्यों कहा जाता है, विश्व पर इसके प्रभाव का आकलन करेंगे। लेख को अंत तक पढ़िए।

Glorious Revolution Introduction: परिचय
गौरवशाली क्रांति इंग्लैंड के इतिहास में एक परिणामी घटना थी, जिसने निरंकुश राजतंत्र को सीमित कर इंग्लैंड में संसदीय लोकतंत्र की नींव रखी। 17वीं शताब्दी के अंत में इंग्लैंड में धार्मिक और राजनीतिक तनाव चरम पर पहुँच गया था। राजा जेम्स द्वितीय, जो कैथोलिक धर्म का पालन करते थे, अपनी नीतियों से प्रोटेस्टेंट धर्म को मानने वाली बहुसंख्यक आबादी और संसद को नाराज कर रहे थे।
1688 में सात प्रमुख नेताओं ने नीदरलैंड के प्रोटेस्टेंट राजकुमार विलियम ऑफ ऑरेंज को इस अनैतिक कार्य में हस्तक्षेप के लिए आमंत्रित किया। विलियम और उनकी पत्नी मैरी (जेम्स की बेटी) ने इंग्लैंड की सत्ता संभाली, और 1689 में बिल ऑफ राइट्स लागू हुआ, जिसने राजा की शक्तियों को सिमित किया और धार्मिक भेदभाव पर लगाम लगाई।
यह भी पढ़िए– जर्मनी का एकीकरण कब हुआ: इतिहास, चरण, बिस्मार्क और रक्त-लोह की नीति | Unification of Germany in Hindi
क्रांति का अनोखा पहलू: इस क्रांति ने इंग्लैंड को डच व्यापारिक और वित्तीय प्रणालियों से जोड़ा, जिसने लंदन को वैश्विक वित्तीय शक्ति का केंद्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भले ही यह क्रांति राजनीतिक परिवर्तन थी, लेकिन इसने आर्थिक और सांस्कृतिक परिवर्तनों को भी जन्म किया, जैसे कि प्रिंटिंग प्रेस के माध्यम से प्रचार, जो जनमत को प्रभावित करने का एक नया तरीका था।
क्रांति के कारण (Causes of the Revolution)
इंग्लैंड की गौरवशाली क्रांति के पीछे कई कारण थे जिनमें सामाजिक, धार्मिक, और आर्थिक कारण प्रमुख थे:
- धार्मिक कारण : इंग्लैंड की क्रांति का सबसे महत्वपूर्ण कारण धार्मिक तनाव था, जेम्स द्वितीय कैथोलिक धार ,म को मानते थे और उन्होंने कैथोलिकों को सरकारी और सैन्य पदों पर खुलकर नियुक्त किया। इंग्लैंड, जो बहुसंख्यक प्रोटेस्टेंट देश था, कैथोलिक राजतंत्र की वापसी से भयभीत था।
- निरंकुश शासन: जेम्स ने संसद को अनदेखा कर कई अनैतिक कानून बनाए, जैसे डिक्लेरेशन ऑफ इंडल्जेंस (1687), जिसने धार्मिक सहिष्णुता की बात की, लेकिन प्रोटेस्टेंट जनसंख्या ने इसे कैथोलिकों के पक्ष में माना।
- उत्तराधिकारी का जन्म: जून 1688 में जेम्स के बेटे (जेम्स फ्रांसिस एडवर्ड) का जन्म हुआ, जो कैथोलिक उत्तराधिकारी था। इससे प्रोटेस्टेंटों में भय का माहौल बढ़ गया कि इंग्लैंड में कैथोलिक राजवंश स्थापित हो जाएगा।
- आर्थिक असंतोष: इंग्लैंड के व्यापारी और कुलीन वर्ग जेम्स की फ्रांस-समर्थक नीतियों से नाराज थे। वे डच व्यापारिक मॉडल को चाहते थे, जो स्वतंत्रता और नवाचार पर आधारित था, अतः यह उनके लिए अधिक आकर्षक था।
क्रांति कब हुई (When Did the Revolution Happen)
इंग्लैंड में गौरवशाली क्रांति नवंबर 1688 से फरवरी 1689 के बीच हुई। इसका श्रीगणेश विलियम ऑफ ऑरेंज के इंग्लैंड में पहुँचने से हुई और इसका क्रांति का अंत बिल ऑफ राइट्स के पारित होने और विलियम व मैरी के संयुक्त शासन की स्थापना के साथ हुआ। यह अवधि छोटी थी, लेकिन इसके प्रभाव दीर्घकालिक थे।
अनोखा तथ्य: क्या आप जानते हैं क्रांति के प्रारम्भ में मौसम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। “प्रोटेस्टेंट हवा” नामक तेज हवाओं ने विलियम ऑफ ऑरेंज के जहाजों को इंग्लैंड तक सुरक्षित पहुँचने में बहुत सहायता की, इसके विपरीत जेम्स की नौसेना के आगे बढ़ने में बढ़ा उत्पन्न की। यह घटना इंग्लैंड की लोककथाओं में आज भी जीवित है और इसे प्राकृतिक हस्तक्षेप माना गया।
यह भी पढ़िए– 1789 की फ्रांसीसी क्रांति, कारण, घटनाएं,परिणाम, महत्व | French Revolution 1789 in Hindi
क्रांति की प्रमुख घटनाएं (Events of the Revolution)
जैसा हम पहले ही जान चुके हैं कि तह क्रांति बिना हिंसा के सम्पन्न हुई, क्रांति की प्रमुख घटनाएं इस प्रकार हैं:
- निमंत्रण पत्र (30 जून 1688): इंग्लैंड के सात प्रमुख नेताओं (जिन्हें “इम्मॉर्टल सेवन” कहा गया) ने विलियम ऑफ ऑरेंज को पत्र लिखकर इंग्लैंड आने और परिणामी हस्तक्षेप करने का आग्रह किया।
- विलियम का इंग्लैंड में आगमन (5 नवंबर 1688): विलियम 15,000 सैनिकों के साथ डेवोन के टॉरबे में पहुंचा। उनकी सेना में डच, जर्मन और स्कॉटिश सैनिक शामिल थे। जेम्स की सेना ने उनका तनिक भी विरोध नहीं किया, और कई सैनिक व सैन्य अधिकारी विलियम की तरफ शामिल हो गए।
- जेम्स का इंग्लैंड से पलायन (दिसंबर 1688): जेम्स ने स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए फ्रांस भागने की काम कोशिश की। उन्हें एक बार पकड़ा गया, लेकिन विलियम ने उन्हें भागने का अवसर जानबूझकर दिया ताकि हिंसा और युद्ध टाला जा सके।
- कन्वेंशन संसद (जनवरी 1689): संसद ने जेम्स भगौड़ा माना और मैरी द्वितीय व विलियम तृतीय को संयुक्त राजा-रानी घोषित किया।

- बिल ऑफ राइट्स (फरवरी 1689): 1689 में बिल ऑफ़ राइट्स लाया गया, इस दस्तावेज ने राजा की शक्तियों पर अंकुश लगाया और संसद की सर्वोच्चता स्थापित की।
क्रांति के परिणाम (Results of the Revolution)
इस क्रांति के सफलतापूर्वक परिवर्तनों ने इंग्लैंड में नए परिवर्तनों को जन्म दिया:-
- संवैधानिक राजतंत्र की स्थापना: बिल ऑफ राइट्स 1689 के द्वारा राजा की शक्तियों को सीमित किया और संसद को सर्वोच्च बनाया। यह इंग्लैंड के साथ विश्व में आधुनिक लोकतंत्र का पहला कदम था।

- धार्मिक सहिष्णुता: प्रोटेस्टेंटों को सुरक्षा मिली, हालांकि कैथोलिकों पर कुछ प्रतिबंध लगे रहे। टॉलरेशन एक्ट (1689) ने गैर-एंग्लिकन प्रोटेस्टेंटों को अपने तरीके से पूजा की स्वतंत्रता दी।
- आर्थिक क्रांति: डच व्यापारिक मॉडल के प्रभाव से बैंक ऑफ इंग्लैंड (1694) की स्थापना हुई, जिसने वैश्विक वित्तीय प्रणाली को मजबूत किया। लंदन स्टॉक एक्सचेंज की नींव भी इसी दौर में पड़ी। इसके बाद इंग्लैंड ने वाणिजियक क्षेत्र में मजबूती हासिल की।
- उपनिवेशों पर प्रभाव: इंग्लैंड की क्रांति ने सिर्फ आंतरिक परिवर्तन ही नहीं किया बल्कि अमेरिकी कॉलोनियों में बोस्टन विद्रोह (1689) जैसे विद्रोह को जन्म दिया, जो बाद में अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम (1776) की प्रेरणा बने।
क्रांति की विशेषताएं (Special Features of the Revolution)
- रक्तहीन प्रकृति: इंग्लैंड की क्रांति का सबसे प्रमुख पहलू यह था कि इसमें रक्त की एक बून्द नहीं वही और न ही हिंसा हुई, हालांकि आयरलैंड और स्कॉटलैंड में जैकोबाइट विद्रोहों में कुछ हलकी-फुलकी झड़पें हुईं।
- संसद की सर्वोच्चता स्थापित: यह पहली बार था जब संसद ने राजा को पद्च्युत किया और नया शासक को चुनने का अधिकार लिया।
- अंतरराष्ट्रीय सहयोग: नीदरलैंड से सैन्य और आर्थिक सहायता मिलने के कारण यह क्रांति अपने उद्देश्य को प्राप्त करने में सफल रही।
- महिलाओं की भूमिका: मैरी द्वितीय ने संयुक्त शासन में सक्रिय भूमिका निभाई, जो उस समय के लिए एक असामान्य घटनाक्रम था। उनकी छवि ने प्रोटेस्टेंट नैतिकता को प्रमुखता से प्रचारित किया।
इस क्रांति को रक्तहीन अथवा गौरवशाली क्रांति क्यों कहते हैं (Why Called Bloodless or Glorious Revolution)
इसे रक्तहीन क्रांति इसलिए कहा जाता है क्योंकि इंग्लैंड में सत्ता परिवर्तन बिना खून की एक बूँद बहाये और बिना किसी बड़े युद्ध के हुआ। जेम्स बिना लड़े ही फ्रांस भाग गया। गौरवशाली नाम इसलिए पड़ा क्योंकि यह प्रोटेस्टेंट धर्म की जीत के तौर पर देखी गई और संसद की सर्वोच्चता का प्रतीक थी। ब्रिटिश इतिहासकारों की नज़र में यह एक सम्मानजनक और गौरवपूर्ण परिवर्तन था।
अनोखा दृष्टिकोण: भले ही इस क्रांति को रक्तहीन कहा जाता है, लेकिन आयरलैंड में बैटल ऑफ बॉयन (1690) जैसे युद्धों ने इसे विवादास्पद बनाया। आधुनिक इतिहासकार इसे “आंशिक रक्तहीन” मानते हैं। साथ ही, “गौरवशाली” शब्द ने ब्रिटिश साम्राज्यवाद को प्रोत्साहन दिया, जिसे कुछ लोग औपनिवेशिक दृष्टिकोण से नकारात्मक मानते हैं।
यह भी पढ़िए– नेपोलियन बोनापार्ट: जीवन परिचय, इतिहास, युद्ध, सुधार और विरासत | Napoleon Bonaparte History in Hindi
क्रांति का विश्व में प्रभाव (Impact on the World)
इंग्लैंड की गौरवशाली क्रांति ने सिर्फ इंग्लैंड में परिवर्तन किया बल्कि विश्व के इतिहास को कई तरह से प्रभावित किया:
- लोकतंत्र की प्रेरणा: बिल ऑफ राइट्स ने अमेरिकी संविधान (1789) और फ्रांसीसी क्रांति (1789) को प्रभावित किया। यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता और सरकार नागरिकों के प्रति जवाबदेही का आधार बना।
- यूरोपीय युद्ध: इस क्रांति क्रांति ने फ्रांस के साथ नाइन इयर्स वॉर (नौ साल का युद्ध ) (1688-1697) को जन्म दिया, जो नेपोलियन के समय तक तक चला।
- उपनिवेशवाद पर प्रभाव: इस क्रांति ने भविष्य में ब्रिटिश साम्राज्य के लिए औपनिवेशिक विस्तार के मार्ग खोल दिए। ईस्ट इंडिया कंपनी की शक्ति में वृद्धि हुई, जिसने भारत और एशिया में ब्रिटिश उपनिवेशवाद को तीव्र गति प्रदान की।
- आर्थिक प्रभाव: डच वित्तीय मॉडल ने वैश्विक व्यापार को नया रूप दिया। बैंक ऑफ इंग्लैंड की स्थापना ने लंदन को विश्व की वित्तीय राजधानी का केंद्र बनाया।
क्रांति से संबंधित विशेष जानकारियां (Unique Information)
- प्रचार का प्रभाव: क्रांति के दौरान पैंफलेट्स और समाचार पत्रों का व्यापक उपयोग हुआ। विलियम के समर्थकों ने जनता को प्रभावित करने के लिए गीत और कविताएं लिखीं, जो उस समय के लिए क्रांतिकारी था। यही तरीका आगे चलकर जनमत के निर्माण के साधन बन गए।
- महिलाओं का योगदान: मैरी द्वितीय न केवल महिलाओं के लिए एक प्रतीक थीं, बल्कि उन्होंने शासन में सक्रिय भूमिका भी निभाई। उनकी डायरी और पत्रों से जानकारी मिलती है कि वह धार्मिक और सामाजिक नीतियों में विशेष रुचि रखती थीं। इंग्लैंड की महिलाओं को राजनीती में आने के लिए प्रेरणा मिली।
- आर्थिक क्रांति का आधार: क्रांति ने डच व्यापारिक तौर-तरीकों को अपनाया, जैसे संयुक्त स्टॉक कंपनियां और बीमा प्रणाली, जो औद्योगिक क्रांति का आधार बनीं।
- सांस्कृतिक प्रभाव: क्रांति ने प्रोटेस्टेंट नैतिकता को बढ़ावा दिया, जिसने इंग्लैंड में कला, साहित्य और वास्तुकला को प्रभावित किया। उदाहरण के लिए, इस दौरान बरोक शैली की लोकप्रियता बहुत तेजी से बढ़ी।
- वैश्विक व्यापार को प्रोत्साहन: इस क्रांति ने इंग्लैंड और नीदरलैंड के बीच व्यापारिक गठबंधन को स्थिरता और मजबूती प्रदान की, जिसने भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया में डच और ब्रिटिश व्यापार को प्रोत्साहन दिया। यह भारत में ब्रिटिश उपनिवेशवाद का प्रारंभिक चरण था।
निष्कर्ष (Conclusion)
गौरवशाली क्रांति इंग्लैंड के इतिहास में एक ऐसी घटना थी, जिसने शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता परिवर्तन कर विश्व को लोकतंत्र और स्वतंत्रता का नया दृष्टिकोण दिया। इसने न केवल राजनीतिक ढांचे में परिवर्तन किया, बल्कि आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में भी क्रांतिकारी परिवर्तन दिखाई दिए। इस क्रांति की अनोखी विशेषताएं, जैसे प्रचार का उपयोग, डच व्यापारिक मॉडल का प्रभाव, और महिलाओं की भूमिका, इसे और भी खास बनाती हैं। यह क्रांति आज भी लोकतंत्र और मानवाधिकारों के लिए प्रेरणा है।
क्रांति से संबंधित FAQ
गौरवशाली क्रांति क्या थी?
यह 1688-89 में इंग्लैंड में हुई एक रक्तहीन क्रांति थी, जिसमें राजा जेम्स द्वितीय को हटाकर मैरी द्वितीय और विलियम ऑफ ऑरेंज को सत्ता दी गई।
गौरवशाली क्रांति क्यों महत्वपूर्ण थी?
इसने संसदीय लोकतंत्र और संवैधानिक राजतंत्र की नींव रखी, जो आधुनिक लोकतंत्र का आधार बना।
क्या इंग्लैंड की क्रांति पूरी तरह रक्तहीन थी?
इंग्लैंड में हां, लेकिन आयरलैंड और स्कॉटलैंड में जैकोबाइट विद्रोहों में कुछ हिंसा हुई।
विलियम ऑफ ऑरेंज कौन थे?
वह नीदरलैंड के प्रोटेस्टेंट राजकुमार थे, जिन्हें इंग्लैंड की संसद ने आमंत्रित किया। वह मैरी के पति थे।
इंग्लैंड की क्रांति का भारत पर क्या प्रभाव पड़ा?
क्रांति ने ईस्ट इंडिया कंपनी को मजबूत किया, जिसने भारत में ब्रिटिश उपनिवेशवाद को बढ़ावा दिया।








