Bal Diwas: बाल दिवस – प्रतिवर्ष 14 नवंबर को भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह दिन पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन के रूप में जाना जाता है, जिन्हें बच्चे प्यार से चाचा नेहरू कहते थे। अगर आपके मन में यह सवाल है कि बाल दिवस क्यों मनाया जाता है? तो आपको बता दें नेहरू जी को बच्चों से बेहद प्यार था और वे कहते थे, “बच्चे देश का भविष्य हैं।”
इस लेख में हम बाल दिवस का इतिहास, महत्व, पंडित जवाहरलाल नेहरू का जीवन परिचय, शिक्षा, करियर, उपलब्धियां और रोचक तथ्य हिंदी में जानेंगे।

Bal Diwas 2025: एक नजर में (Quick Facts)
| कब मनाया जाता है | 14 नवंबर (प्रतिवर्ष ) |
| क्यों मनाते हैं? | पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्मदिन |
| उपनाम | चाचा नेहरू |
| उद्देश्य | बच्चों के अधिकार, शिक्षा, स्वास्थ्य पर जागरूकता |
| प्रारंभ | 1954 (नेहरू के जन्मदिन से) |
| राष्ट्रीय त्योहार | राष्ट्रीय नहीं मगर, स्कूलों में विशेष कार्यक्रम होते हैं |
बाल दिवस क्यों मनाया जाता है? (Why Children’s Day?)
बाल दिवस का मुख्य उद्देश्य – बच्चों को शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और अधिकार दिलाना है। नेहरू जी कहते थे:
“आज के बच्चे कल का भारत बनाएंगे।”
इसलिए 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाने का फैसला हुआ। इस दिन स्कूलों में:
- निबंध प्रतियोगिता
- चित्रकला
- नृत्य-संगीत
- नेहरू जी पर भाषण
बाल दिवस का इतिहास – 1954 में भारत सरकार ने इसे राष्ट्रीय दिवस घोषित किया। 1964 में नेहरू जी की मृत्यु के बाद इसे और महत्व दिया गया।
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बाल दिवस का इतिहास (History)
| वर्ष | घटना |
|---|---|
| 1889 | जवाहरलाल नेहरू का जन्म |
| 1954 | भारत में बाल दिवस शुरू |
| 1964 | नेहरू जी की मृत्यु के बाद और लोकप्रिय हुआ |
| 1989 | UN ने विश्व बाल दिवस 20 नवंबर घोषित किया |
| 2025 | 71वां बाल दिवस मनाया जाएगा |
नोट: भारत में 14 नवंबर, विश्व में 20 नवंबर

पंडित जवाहरलाल नेहरू: जीवन परिचय (Jawaharlal Nehru Biography)
प्रारंभिक जीवन और परिवार
| पैरामीटर | जानकारी |
|---|---|
| जन्म | 14 नवंबर 1889, इलाहाबाद |
| पिता | मोतीलाल नेहरू (प्रसिद्ध वकील और स्वतंत्रता सेनानी) |
| माता | स्वरूप रानी थुस्सू |
| बहनें | विजयलक्ष्मी पंडित (UN महासभा अध्यक्ष), कृष्णा हुथेसिंग(लेखिका) |
| पत्नी | कमला नेहरू (विवाह 1916) |
| बेटी | इंदिरा गांधी (भारत की पहली महिला PM) |
नेहरू जी का जन्म कश्मीरी पंडित परिवार में हुआ। पिता धनी बैरिस्टर थे। घर में अंग्रेजी बोली जाती थी, लेकिन नेहरू जी ने हिंदी को अपनाया।
शिक्षा (Education Journey)
| संस्थान | डिग्री | वर्ष |
|---|---|---|
| हैरो स्कूल, लंदन | स्कूली शिक्षा | 1905-07 |
| ट्रिनिटी कॉलेज, कैम्ब्रिज | BA (प्राकृतिक विज्ञान) | 1910 |
| इनर टेम्पल, लंदन | बार-एट-लॉ | 1912 |
नेहरू जी ने 7 साल इंग्लैंड में बिताए। वहां फेबियन समाजवाद और आयरिश स्वतंत्रता आंदोलन से प्रेरित हुए।
राजनीतिक करियर (Political Career Timeline)
| वर्ष | उपलब्धि |
|---|---|
| 1912 | भारत लौटे, वकालत शुरू |
| 1916 | गांधीजी से पहली मुलाकात |
| 1919 | होम रूल लीग के सचिव |
| 1920 | पहला किसान मार्च (प्रतापगढ़) |
| 1929 | लाहौर अधिवेशन – पूर्ण स्वराज की मांग |
| 1930 | नमक सत्याग्रह, कई बार जेल |
| 1942 | भारत छोड़ो आंदोलन – 3 साल जेल |
| 1947 | प्रथम प्रधानमंत्री बने |
| 1951-64 | 4 बार कांग्रेस अध्यक्ष |
नेहरू जी 9 बार जेल गए, कुल 3262 दिन (लगभग 9 साल)।
प्रमुख उपलब्धियां (Achievements Table)
| क्षेत्र | योगदान |
|---|---|
| स्वतंत्रता संग्राम | असहयोग, भारत छोड़ो, नेहरू रिपोर्ट |
| प्रधानमंत्री | 1947-1964 (17 साल) |
| विदेश नीति | गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) के संस्थापक |
| विकास | पंचवर्षीय योजनाएं, भाखड़ा नंगल, IIT, AIIMS |
| लेखन | ग्लिम्प्सेस ऑफ वर्ल्ड हिस्ट्री, डिस्कवरी ऑफ इंडिया |
पुरस्कार और सम्मान (Awards)
| पुरस्कार | वर्ष |
|---|---|
| भारत रत्न | 1955 (प्रधानमंत्री रहते हुए) |
| आउटलुक पोल | 2012 में 4th Greatest Indian |
नेहरू जी और बच्चे: चाचा नेहरू की कहानी

नेहरू जी को फूलों और बच्चों से बहुत प्यार था। वे कहते थे:
“बच्चों को प्यार दो, डांटो मत।”
हर साल बच्चे उन्हें गुलाब का फूल भेजते थे। लाल गुलाब उनका पसंदीदा था। यही वजह है कि बाल दिवस उनके जन्मदिन पर मनाया जाता है।
रोचक तथ्य: चाचा नेहरू के बारे में (Interesting Facts)
- पहला भाषण: “Tryst with Destiny” – 15 अगस्त 1947
- जेल में किताबें: जेल में 3 मशहूर किताबें लिखीं
- पहला PM: लाल किले से झंडा फहराने वाले
- NAM के पिता: 1961 में पहला सम्मेलन
- इंदिरा गांधी: उनकी बेटी बनीं भारत की पहली महिला PM
- मृत्यु: 27 मई 1964, दिल का दौरा
निष्कर्ष: चाचा नेहरू की विरासत
बाल दिवस सिर्फ एक छुट्टी नहीं, बल्कि बच्चों के अधिकारों की याद है। पंडित जवाहरलाल नेहरू ने कहा था:
“बच्चों को अच्छी शिक्षा दो, अच्छे नागरिक बनेंगे।”







