लाल कृष्ण आडवाणी: भारत के लौह पुरुष की प्रेरणादायक जीवनी

By Santosh kumar

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Lal Krishna Advani Profile: लाल कृष्ण आडवाणी, जिन्हें ‘लौह पुरुष’ के नाम से जाना जाता है, भारतीय राजनीति के एक प्रमुख वयोवृद्ध राजनेता हैं। वे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सह-संस्थापक हैं और भारत के पूर्व उप-प्रधानमंत्री (2002-2004) रह चुके हैं। उनकी राजनीतिक यात्रा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से शुरू होकर भाजपा को राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत बनाने तक जुड़ी हुई है। राम मंदिर आंदोलन में उनकी भूमिका शताब्दियों तह याद रहेगी। इस लेख में हम आडवाणी जी की पूरी जीवनी, उम्र, परिवार, करियर और अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

Lal Krishna Advani
विशेषताविवरण
पूरा नामलाल कृष्ण आडवाणी
उपनामलौह पुरुष (Iron Man of India)
जन्म तिथि8 नवंबर 1927
जन्म स्थानकराची, सिंध (तत्कालीन ब्रिटिश भारत, वर्तमान पाकिस्तान)
उम्र (2025 तक)98 वर्ष
पार्टीभारतीय जनता पार्टी (भाजपा) – सह-संस्थापक
मुख्य विचारधाराहिंदुत्व, राष्ट्रवाद
प्रमुख पद– उप-प्रधानमंत्री (2002-2004) – गृह मंत्री (1998-2004) – सूचना एवं प्रसारण मंत्री (1977-1979) – भाजपा अध्यक्ष (1986-1991, 1993-1998, 2004-2005)
संसदीय अनुभव– राज्यसभा: 1970-1989 (4 बार) – लोकसभा: 1989-2019 (7 बार – नई दिल्ली, गांधीनगर)
सर्वोच्च सम्मानभारत रत्न (2024)
अन्य पुरस्कारपद्म विभूषण (2015)
परिवार– पत्नी: कमला आडवाणी (निधन: 2016) –
बच्चे: जयंत आडवाणी (पुत्र),
प्रतिभा आडवाणी (पुत्री)
प्रमुख आंदोलनराम मंदिर आंदोलन, राम रथ यात्रा (1990)
विशेष योगदानभाजपा को 2 से 300+ सीटों तक पहुँचाया
वर्तमान स्थितिमार्गदर्शक मंडल, भाजपा (सेवानिवृत्त)
नेट वर्थ (अनुमानित)₹7.59 करोड़ (2024 तक)

लाल कृष्ण आडवाणी की उम्र और जन्म

लाल कृष्ण आडवाणी का जन्म 8 नवंबर 1927 को कराची, ब्रिटिश भारत (वर्तमान पाकिस्तान) में एक सिंधी हिंदू लोहाना परिवार में हुआ था। आज की तारीख (8 नवंबर 2025) के अनुसार, वे 98 वर्ष के हो चुके हैं। उनका जन्मदिन हर साल बड़े उत्साह से मनाया जाता है, जो उनकी लंबी राजनीतिक यात्रा का प्रतीक है।

प्रारंभिक जीवन (Early Life)

आडवाणी जी का प्रारंभिक जीवन विभाजन की त्रासदी से जुड़ा हुआ है। वे कराची के एक संपन्न परिवार में पले-बढ़े। उनके पिता का नाम किशनचंद डी. आडवाणी और मां का नाम ज्ञानी देवी था। 1947 में भारत-पाकिस्तान विभाजन के दौरान उनका परिवार सिंध से भारत आ गया और वे मुंबई (तत्कालीन बॉम्बे) में बस गए।

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मात्र 14 वर्ष की आयु में 1941 में उन्होंने आरएसएस में स्वयंसेवक के रूप में प्रवेश किया। वे प्रचारक बने और कराची इकाई के सचिव भी रहे। 1947 में वे राजस्थान के विभिन्न जिलों (अलवर, भरतपुर, कोटा, बूंदी और झालावाड़) में प्रचारक के रूप में कार्यरत रहे। यह दौर उनके जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा था, जहां उन्होंने राष्ट्रवादी विचारों को मजबूत किया।

पिताकिशनचंद डी. आडवाणी
माताज्ञानी देवी

शिक्षा (Education)

आडवाणी जी की शिक्षा पाकिस्तान और भारत दोनों में हुई। उन्होंने कराची के सेंट पैट्रिक हाई स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की। उसके बाद, उन्होंने सिंध के हैदराबाद के डी.जी. नेशनल कॉलेज से स्नातक किया। विधि की डिग्री (एलएलबी) उन्होंने मुंबई के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से प्राप्त की। उनकी शिक्षा ने उन्हें कानूनी और सामाजिक मुद्दों पर गहन समझ प्रदान की, जो बाद में उनकी राजनीतिक यात्रा में सहायक सिद्ध हुई।

प्रारम्भिक शिक्षासेंट पैट्रिक हाई स्कूल, करांची
स्नातकडी.जी. नेशनल कॉलेज, हैदराबाद
एलएलबीगवर्नमेंट लॉ कॉलेज, मुंबई

परिवार, पत्नी और बच्चे (Family, Wife and Children)

लाल कृष्ण आडवाणी का पारिवारिक जीवन सरल और समर्पित रहा। उन्होंने फरवरी 1965 में कमला आडवाणी से विवाह किया। कमला जी का निधन 6 अप्रैल 2016 को उम्र संबंधी कारणों से हो गया। वे एक समर्पित गृहिणी थीं और आडवाणी जी के राजनीतिक जीवन में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा।

Lal Krishna Advani With Wife Kamla Advani
लाल कृष्ण आडवाणी जी, पत्नी कमला अडवाणी जी के साथ
पत्नीकमला आडवाणी (निधन 6 अप्रैल 2016)
विवाहफरवरी 1965
पुत्रबेटा: जयंत आडवाणी – वे निजी जीवन जीते हैं।
पुत्रीबेटी: प्रतिभा आडवाणी – एक प्रसिद्ध टेलीविजन प्रोड्यूसर हैं,
निवासनई दिल्ली
Lal Krishna Advani With Family
लाल कृष्ण आडवाणी जी परिवार के साथ

करियर (Career)

राजनीति में प्रवेश से पहले आडवाणी जी पत्रकारिता और आरएसएस से जुड़े रहे। उन्होंने आरएसएस के साप्ताहिक समाचार पत्र ‘ऑर्गनाइजर’ के संपादक के.आर. मलकानी की सहायता की और 1966 में इसके राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य बने। वे ट्रेड यूनियनिस्ट और राजनयिक के रूप में भी कार्यरत रहे। 1951 में वे भारतीय जनसंघ (बीजेएस) में शामिल हुए, जो बाद में भाजपा बना।

वर्षपद/घटना
1951श्यामा प्रसाद मुखर्जी द्वारा स्थापित भारतीय जनसंघ (BJS) में शामिल
1957दिल्ली में BJS की इकाई के महासचिव बने
1966-67दिल्ली मेट्रोपॉलिटन काउंसिल के सदस्य → अध्यक्ष चुने गए
1970राज्यसभा सदस्य (दिल्ली से) – पहली बार संसद में प्रवेश
1973भारतीय जनसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने
1975-77आपातकाल में जेल (19 महीने) – इमरजेंसी के खिलाफ संघर्ष
1977मोरारजी देसाई सरकार में सूचना एवं प्रसारण मंत्री

राजनीतिक यात्रा (Political Journey)

Lal Krishna Advani Ratha Yatra
लाल कृष्ण आडवाणी जी रथ यात्रा करते हुए
वर्षघटना
1980जनता पार्टी से अलग होकर अटल बिहारी वाजपेयी के साथ भाजपा की स्थापना की
1984लोकसभा चुनाव: भाजपा को मात्र 2 सीटें – सबसे कमजोर दौर
1986भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने (पहली बार)
1989लोकसभा चुनाव: 85 सीटें – आडवाणी की रणनीति का परिणाम

आडवाणी जी की राजनीतिक यात्रा 1951 में भारतीय जनसंघ से शुरू हुई। वे राजस्थान में बीजेएस के महासचिव रहे। 1957 में दिल्ली आकर जनसंघ की दिल्ली इकाई के महासचिव बने। 1966-67 में दिल्ली मेट्रोपॉलिटन काउंसिल के नेता चुने गए और 1967 में इसके अध्यक्ष बने।

1970 से 1989 तक वे राज्यसभा सदस्य रहे (दिल्ली, गुजरात, मध्य प्रदेश से)। 1973 में वे जनसंघ के अध्यक्ष बने। 1977 में मोरारजी देसाई सरकार में सूचना एवं प्रसारण मंत्री रहे।

1980 में उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी के साथ मिलकर भाजपा की स्थापना की। 1986-91, 1993-98 और 2004-05 तक भाजपा के अध्यक्ष रहे। 1989 से लोकसभा सदस्य (नई दिल्ली और गांधीनगर से)। वे सबसे लंबे समय तक गृहमंत्री (1998-2004) रहे। 2002-2004 तक उप-प्रधानमंत्री रहे। 2004-2009 तक लोकसभा में विपक्ष के नेता रहे। 2014 में सातवीं बार लोकसभा सदस्य चुने गए। वे भाजपा को 2 सीटों से 85 सीटों तक ले जाने के लिए प्रसिद्ध हैं।

राम मंदिर आंदोलन (Ram Mandir Andolan)

Lal Krishna Advani Ram Mandir Andolan
लाल कृष्ण आडवाणी रामाँ मंदिर आंदोलन के दौरान (दाएं श्री नरेंद्र मोदी जी )
यात्रातिथिमार्गपरिणाम
राम रथ यात्रा25 सितंबर 1990सोमनाथ → अयोध्याबिहार में लालू यादव द्वारा गिरफ्तारी → भाजपा को राष्ट्रीय पहचान
एकता यात्रा1991-92कन्याकुमारी → श्रीनगरकश्मीर में तिरंगा फहराया
जनदेश यात्रा19934 यात्राएँ (उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम)1996 के चुनाव में 161 सीटें

राम मंदिर आंदोलन आडवाणी जी के राजनीतिक जीवन का स्वर्णिम अध्याय है। 1989 के चुनाव घोषणा-पत्र में राम जन्मभूमि मंदिर का वादा शामिल किया। 25 सितंबर 1990 को सोमनाथ (गुजरात) से राम रथ यात्रा शुरू की, जो अयोध्या तक पहुंची। बिहार में लालू प्रसाद यादव ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इस यात्रा ने भाजपा को राष्ट्रीय पटल पर स्थापित किया।

1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस में उनका नाम आया, लेकिन 2020 में सीबीआई कोर्ट ने बरी कर दिया। उन्होंने जनदेश यात्रा (1993), स्वर्ण जयंती रथ यात्रा (1997) आदि का आयोजन किया। 2024 में राम मंदिर का उद्घाटन उनकी यात्रा का परिणाम था।

संपत्ति (Net Worth)

लाल कृष्ण आडवाणी की अनुमानित संपत्ति लगभग 7.59 करोड़ रुपये है। इसमें चल-अचल संपत्ति शामिल है। 2024 के आंकड़ों के अनुसार, यह राशि स्थिर रही है, जिसमें वार्षिक आय स्रोत राजनेता के वेतन और पेंशन से आती है।

विवाद (Controversies)

आडवाणी जी के जीवन में कई विवाद रहे:

  • बाबरी मस्जिद विध्वंस (1992): भाषण देने का आरोप, लेकिन 2020 में बरी।
  • हवाला घोटाला (1996): नाम आया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने क्लीन चिट दी।
  • जिन्ना विवाद (2005): पाकिस्तान यात्रा पर मोहम्मद अली जिन्ना को ‘सेकुलर’ कहने पर इस्तीफा दिया, बाद में वापस लिया।
  • भाजपा के भीतर ‘मार्गदर्शक मंडल’ में स्थान पर असंतोष।

ये विवाद उनकी हिंदुत्व विचारधारा से जुड़े रहे।

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रोचक तथ्य (Interesting Facts)

  • वे चॉकलेट और किताबें पढ़ने के शौकीन हैं।
  • ब्रज होली के दीवाने हैं और पारंपरिक रूप से मनाते हैं।
  • आरएसएस में 14 साल की उम्र से जुड़े, सबसे कम उम्र के प्रचारक।
  • छह रथ यात्राओं का आयोजन किया, जो भाजपा की लोकप्रियता बढ़ाने में सहायक।
  • ‘लौह पुरुष’ उपनाम राम मंदिर आंदोलन से मिला।
  • 2025 में अमित शाह ने उनके सबसे लंबे गृहमंत्री रिकॉर्ड को तोड़ा।

अंतिम सक्रिय दौर (2005-2019)

वर्षघटना
2005पाकिस्तान यात्रा → जिन्ना को ‘सेकुलर’ कहा → विवाद → अध्यक्ष पद से इस्तीफा → वापसी
2009लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार → हार
2010मार्गदर्शक मंडल में शामिल (नागपुर अधिवेशन)
2014गांधीनगर से 7वीं बार सांसद चुने गए
2019लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा → सक्रिय राजनीति से संन्यास

पुरस्कार (Awards)

  • भारत रत्न (2024): भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान।
  • पद्म विभूषण (2015): दूसरा सर्वोच्च सम्मान।
  • अन्य: लोकमान्य तिलक पुरस्कार, आदि।

FAQs: लाल कृष्ण आडवाणी से संबंधित सामान्य प्रश्न

लाल कृष्ण आडवाणी की उम्र कितनी है?

98 वर्ष (2025 के अनुसार)।

आडवाणी जी ने राम मंदिर आंदोलन में क्या भूमिका निभाई?

राम रथ यात्रा का नेतृत्व किया, जो आंदोलन का प्रतीक बनी।

उनकी पत्नी का नाम क्या था?

कमला आडवाणी (निधन 2016)।

आडवाणी जी भाजपा के पहले अध्यक्ष कब बने?

1986 में।

उनकी संपत्ति कितनी है?

लगभग 7.59 करोड़ रुपये।

क्या वे कभी प्रधानमंत्री बने?

नहीं, लेकिन 1989, 1991 और 2009 में उम्मीदवार रहे।

बाबरी मस्जिद केस में उनका क्या फैसला हुआ?

2020 में बरी।

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