भारत का संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है, जो देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था की मजबूत नींव रखता है। यदि आप सोच रहे हैं कि भारत का संविधान कितने पेज का है, तो इसका सीधा जवाब है कि मूल प्रति में 251 पृष्ठ हैं। लेकिन यह संख्या समय के साथ संशोधनों के कारण बदलती रही है। आजादी के समय तैयार हुई मूल कॉपी में लगभग 117,000 शब्द और 395 अनुच्छेद थे, जो 22 भागों और 8 अनुसूचियों में विभाजित थे।
वर्तमान में, 100 से अधिक संशोधनों के बाद यह 470 अनुच्छेद, 25 भागों और 12 अनुसूचियों तक पहुंच गया है। इस लेख में हम मूल प्रति से लेकर वर्तमान रूप तक सब कुछ सरल शब्दों में समझेंगे। यदि आप UPSC, SSC या स्कूल परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, तो यह जानकारी उपयोगी साबित होगी।

भारत का संविधान: एक संक्षिप्त इतिहास
भारतीय संविधान की रचना संविधान सभा द्वारा की गई, जिसमें 389 सदस्य थे (बाद में पाकिस्तान विभाजन के कारण 299 रह गए)। इसका नेतृत्व डॉ. भीमराव अंबेडकर ने किया, जिन्हें “संविधान के जनक” कहा जाता है। संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को हुई, और 26 नवंबर 1949 को इसे अपनाया गया। 26 जनवरी 1950 को यह लागू हुआ, जिसे गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। संविधान तैयार करने में 2 वर्ष, 11 माह और 18 दिन लगे।

अंग्रेजी और हिंदी दोनों में, लेकिन मूल कॉपी अंग्रेजी में कैलीग्राफ्ड। हिंदी संस्करण वसंत कृष्ण वैद्य ने लिखा।
मूल प्रति की विशेषताएं:
| विवरण | जानकारी |
|---|---|
| कुल पृष्ठ | 251 (चर्मपत्र शीटों पर हाथ से लिखी गई)। |
| आकार | 16 इंच चौड़ी और 22 इंच लंबी शीटें। |
| कला | शांतिनिकेतन के कलाकार नंदलाल बोस ने हर पेज को सजाया, जिसमें भारतीय संस्कृति के चित्र हैं। |
| भाषा | अंग्रेजी और हिंदी दोनों में, लेकिन मूल कॉपी अंग्रेजी में कैलीग्राफ्ड। हिंदी संस्करण वसंत कृष्ण वैद्य ने लिखा। |
| हस्ताक्षर | 284 सदस्यों के हस्ताक्षर, जिसमें अंबेडकर से लेकर राजेंद्र प्रसाद तक शामिल। |
यह मूल प्रति संसद भवन की लाइब्रेरी में सुरक्षित रखी गई है। 2025 में संविधान दिवस (26 नवंबर) पर इसे डिजिटल रूप में देखा जा सकता है।
मूल संविधान कितने पेज का था?
भारत का संविधान कितने पेज का है – इस सवाल का सबसे सटीक उत्तर मूल प्रति के संदर्भ में है। 26 नवंबर 1949 को अपनाई गई मूल प्रति में 251 पृष्ठ थे। इसमें:
| विवरण | जानकारी |
|---|---|
| अनुच्छेद | 395 अनुच्छेद (अब 470)। |
| भाग | 22 भाग (अब 25)। |
| अनुसूचियां | 8 अनुसूचियां (अब 12)। |
| शब्द संख्या | लगभग 1,17,369। |
यह संख्या इतिहासकारों और आधिकारिक स्रोतों (जैसे विकिपीडिया और हिंदुस्तान टाइम्स) से ली गई है। कुछ स्रोतों में 231 पेज का उल्लेख है, जो आंशिक कॉपी (अनुच्छेद 344-351) के लिए है। वर्तमान में, प्रिंटेड संस्करण (2025 संस्करण) में लगभग 500-600 पेज हो सकते हैं, क्योंकि संशोधन जोड़े जाते हैं। लेकिन “मूल प्रति” हमेशा 251 पेज ही मानी जाती है।
यह भी पढ़िए– भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को क्यों लागू किया गया? संविधान निर्माण और अम्बेडकर की भूमिका
संविधान के प्रमुख भाग और अनुच्छेद: एक तालिका
भारतीय संविधान को भागों (Parts) और अनुच्छेदों (Articles) में बांटा गया है। नीचे एक सरल तालिका दी गई है, जो मुख्य भागों को दर्शाती है। यह UPSC जैसी परीक्षाओं के लिए उपयोगी है।
| भाग संख्या | भाग का नाम | प्रमुख अनुच्छेद | मुख्य विषय |
|---|---|---|---|
| भाग 1 | संघ और उसके राज्य क्षेत्र | अनुच्छेद 1-4 | भारत का क्षेत्र और नाम |
| भाग 3 | मौलिक अधिकार | अनुच्छेद 12-35 | समानता, स्वतंत्रता आदि |
| भाग 4 | राज्य के नीति-निर्देशक तत्व | अनुच्छेद 36-51 | सामाजिक-आर्थिक नीतियां |
| भाग 5 | संघ | अनुच्छेद 52-151 | राष्ट्रपति, संसद आदि |
| भाग 18 | आपातकालीन उपबंध | अनुच्छेद 352-360 | राष्ट्रीय आपातकाल |
| भाग 20 | संविधान का संशोधन | अनुच्छेद 368 | संशोधन प्रक्रिया |
नोट: मूल में 22 भाग थे, लेकिन 103वें संशोधन (2019) आदि से अब 25 हैं। कुल अनुच्छेद 448 हैं।
संविधान की प्रमुख विशेषताएं
भारतीय संविधान केवल एक दस्तावेज नहीं, बल्कि देश की आत्मा है। यहां कुछ रोचक तथ्य:
- दुनिया का सबसे लंबा संविधान: अमेरिकी संविधान से 7 गुना लंबा।
- संघात्मक लेकिन एकात्मक झुकाव: केंद्र मजबूत, लेकिन राज्य स्वायत्त।
- मौलिक अधिकार: 6 मौलिक अधिकार (समानता, स्वतंत्रता, आदि), जो अमेरिकी संविधान से प्रेरित।
- नीति-निर्देशक तत्व: आयरिश संविधान से लिए गए, जो राज्य को सामाजिक न्याय के लिए मार्गदर्शन देते हैं।
- संशोधन: अब तक 106 संशोधन (2025 तक), जैसे 42वां (1976) जो “समाजवादी” शब्द जोड़ा।
- हस्तलिखित: प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने फीस के बिना लिखा, शर्त पर कि उनका नाम हर पेज पर आए।
ये विशेषताएं संविधान को जीवंत बनाती हैं, जो समय के साथ बदलता रहता है।
संविधान दिवस 2025: महत्व और उत्सव
प्रतिवर्ष 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है, जो 2015 से आधिकारिक रूप से मनाया जा रहा है। 2025 में यह 76वां संविधान दिवस होगा। इस दिन स्कूलों-कॉलेजों में संविधान पढ़ाया जाता है, और राष्ट्रपति भाषण देते हैं। यदि आप सोच रहे हैं कि भारत का संविधान कितने पेज का है, तो यह दिवस जानने का बेहतरीन अवसर है।

निष्कर्ष: संविधान – लोकतंत्र की रीढ़
भारत का संविधान कितने पेज का है – मूल रूप से 251 पेज, लेकिन इसका महत्व पेजों से कहीं अधिक है। यह डॉ. अंबेडकर की दूरदृष्टि का प्रतीक है, जो समानता, न्याय और स्वतंत्रता सुनिश्चित करता है। 2025 में, जब हम 75वें गणतंत्र दिवस की ओर बढ़ रहे हैं, संविधान को पढ़ना और समझना हर नागरिक का कर्तव्य है। यदि आपके पास कोई सवाल है, जैसे विशिष्ट अनुच्छेद या संशोधन, तो कमेंट करें!






